कारोबार

भारत ने स्टील और एल्युमीनियम पर अमेरिका पर जवाबी शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा

नई दिल्ली

भारत में विश्व व्यापार संगठन (WTO) में अमेरिका के खिलाफ जवाबी टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा है। यह शुल्क एल्यूमिनियम और स्टील पर लगाए गए टैरिफ के जवाब में होगा। भारत का यह फैसला व्यापार हित की रक्षा और वैश्विक व्यापार नियमों के अंतर्गत अपनी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाएगा भारत
विश्व व्यापार संगठन को भेजे गए प्रस्ताव में भारत का कहना है कि अमेरिका के टैरिफ के कारण भारत के 7.6 अरब डॉलर के सामान का आयात प्रभावित हुआ , इसीलिए भारत भी अमेरिका से आने वाले कुछ चीज जरूरी सामानों पर इतना ही टैरिफ लगाने की मांग कर रहा है।

अमेरिका के खिलाफ जवाबी टैरिफ लगाने के ये हैं कारण
साल 2018 में अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए भारतीय स्टील पर 25% और एल्यूमीनियम पर 10% का टैरिफ लगाया था। इसके बाद इस टैरिफ की दर को साल 2020 में बढ़ाया गया। 12 मार्च 2025 को यह टैरिफ 25% संशोधित कर दिया गया।

विश्व व्यापार संगठन को दिए गए प्रस्ताव में भारत ने यह दावा किया है कि अमेरिका ने डब्ल्यूटीओ के सामान्य व्यापार और टैरिफ समझौते (GATT) 1994 और सुरक्षा उपाय पर समझौते का उल्लंघन किया है। अमेरिकी टैरिफ़ के कारण भारत को 7.6 अरब डॉलर के स्टील और एल्यूमीनियम निर्यात प्रभावित हुए हैं। लेकिन अमेरिका को इस ड्यूटी से 1.91 अरब डॉलर प्राप्त हुए हैं।

भारत में यह भी कहा कि उन्होंने अप्रैल 2025 में अमेरिका से विश्व व्यापार संगठन के अंतर्गत परामर्श मांगा था, लेकिन अमेरिका ने इन टैरिफ को राष्ट्रीय सुरक्षा का उपाय बताकर परामर्श से इनकार कर दिया था।

भारत कर रहा जवाबी शुल्क लगाने की तैयारी
भारत सरकार के द्वारा 9 मई 2025 को वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाईजेशन के काउंसिल फॉर ट्रेड इन गुड्स को यह सूचना दी गई है कि वह अमेरिकी उत्पादों पर 1.91 अरब डॉलर के बराबर का टैरिफ लगाएगा। इसके लिए भारत ने 29 अमेरिकी उत्पादों का चयन किया है। जिनमें सेब, बादाम, अखरोट, नाशपाती, रसायन आदि शामिल हैं। हालांकि भारत ऐसा प्रस्ताव 2019 में भी ला चुका है। ये उत्पाद भारत के लिए आयात में महत्वपूर्ण हैं, जैसे अमेरिकी बादाम (543 मिलियन डॉलर) और सेब (156 मिलियन डॉलर)।

कितना जवाबी शुल्क लगाएगी भारत सरकार
भारत सरकार के द्वारा रखे गए प्रस्ताव के अनुसार टैरिफ की दरें उत्पादों के आधार पर 5% से 100% के बीच हो सकती है। इसके साथ भारत का यह भी कहना है कि उसके द्वारा उठाए जा रहे हैं यह कदम विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुरूप है। भारत जवाबी टैरिफ इसलिए लगाना चाहता है ताकि अमेरिकी टैरिफ के व्यापारिक प्रभाव को संतुलित किया जा सके।

भारतीय स्टील एसोसिएशन ने किया स्वागत
भारत सरकार के इस फैसले का भारतीय स्टील एसोसिएशन ने स्वागत किया है। संगठन का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ ने भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धात्मकता को नुकसान पहुंचाया है। यदि भारत सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया आदि को राहत मिल सकती है।

अमेरिकी उत्पादों पर असर
भारत द्वारा यह जवाबी टैरिफ लगाया जाता है तो अमेरिकी कृषि उत्पाद जैसे सेब, बादाम और रसायन उद्योग ज्यादा प्रभावित होंगे क्योंकि भारत इनका बड़ा आयातक देश है। हालांकि यह भी संभावना जताई जा रही है कि अमेरिका द्वारा भी जवाबी उपाय किए जा सकते हैं जिससे द्विपक्षीय व्यापार समझौता वार्ता और जटिल हो सकती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button