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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में एचएमपीवी की स्थिति की समीक्षा की और निगरानी तथा सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिये

नई दिल्ली
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को देश में मानव मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) की स्थिति की समीक्षा की और राज्यों को निगरानी तथा सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिये। मंत्रालय ने यहां बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एचएमपीवी की स्थिति की समीक्षा बैठक की और सभी स्तर पर निगरानी और सतर्कता बढाने को कहा।
बैठक में डीएचआर सचिव डॉ. राजीव बहल, डीजीएचएस के महानिदेशक डॉ. (प्रो) अतुल गोयल, राज्यों के स्वास्थ्य सचिव और अधिकारी, एनसीडीसी, आईडीएसपी, आईसीएमआर, एनआईवी और आईडीएसपी की राज्य निगरानी इकाइयों के विशेषज्ञ शामिल हुए।
राज्यों को सलाह दी गई है कि वायरस के संक्रमण की रोकथाम के बारे में लोगों में जागरूकता और सूचना को बढ़ायी जानी चाहिए। इसके लिए साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोना, बिना धुले हाथों से अपनी आँखें, नाक या मुँह को छूने से बचना, खाँसते और छींकते समय मुँह और नाक को ढँकना जैसे सरल उपाय शामिल हैं।
बैठक के दौरान के यह पाया गया है कि आईडीएसपी से देश में कहीं भी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं दिख रही है।
श्रीमती श्रीवास्तव ने कहा कि एचएमपीवी से लोगों को कोई चिंता नहीं है। उन्होंने राज्यों को आईएलआई और एसएआरआई निगरानी को मजबूत करने और उसकी समीक्षा करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आमतौर पर सर्दियों के महीनों में श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि देखी जाती है। उन्होंने कहा कि देश श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
एचएमपीवी कई श्वसन वायरस में से एक है जो सभी उम्र के लोगों में विशेष रूप से सर्दियों और शुरुआती वसंत के महीनों में संक्रमण का कारण बन सकता है। वायरस का संक्रमण आमतौर पर हल्का होता है और अधिकांश मामलों में पीडित अपने आप ठीक हो जाते हैं।
देश में अभी तक एचएमपीवी के पांच मामले सामने आ चुके हैं जिनमें कर्नाटक और तमिलनाडु में दो – दो और गुजरात में एक हैं। इनमें कुछ को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है और कुछ की हालत में सुधार है।

 

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