राष्‍ट्रीय

माता चिंतपूर्णी में हंगामा! देखते ही देखते जमकर चले लात-घूंसे

पंजाब
थाना चिंतपूर्णी के अंतर्गत मंदिर वापसी द्वार के समीप मंदिर का एक पुजारी और सिक्योरिटी कर्मी आपस में भिड़ गए। मामला शनिवार देर सायं का बताया जा रहा है जब पुजारी मंदिर से बाहर निकलकर एक दुकान पर घुसा। तभी वहीं सीढिय़ों पर खड़ा सिक्योरिटी कर्मी पुजारी के पीछे दुकान में आया और हाथापाई पर उतारू हो गया।

इस दौरान दोनों पक्षों में लात-घूंसे चले। मंदिर के अन्य सिक्योरिटी कर्मियों व लोगों ने मिलकर दोनों पक्षों को हटाया। पुजारी व सिक्योरिटी कर्मी द्वारा अपनी-अपनी शिकायत थाने में दर्ज करवाई गई है। थाना प्रभारी रोहिणी ठाकुर ने बताया कि पुजारी व सिक्योरिटी कर्मी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत क्रॉस केस दर्ज किया गया है।
 
उत्तरी भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता श्री चिंतपूर्णी में श्रावण अष्टमी मेलों का आयोजन 17 से 25 अगस्त तक होगा। अब साऊथ के मंदिरों की तर्ज पर वी.आई.पी. दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को 1100 रुपए का भुगतान करना पड़ेगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि विवेक महाजन ने की है। हालांकि इस फैसले पर मोहर ट्रस्ट की बैठक में बीते माह ही लग गई थी लेकिन मंगलवार से इस योजना को जमीन पर उतार दिया गया। वी.आई.पी. दर्शन प्रणाली को लेकर श्रद्धालुओं से वसूले जाने वाले शुल्क को 4 हिस्सों में बांटा गया है।

देश के प्रमुख पदों पर आसीन रहे गण्यमान्य के लिए यह सेवा मुफ्त रहेगी, वहीं मंदिर कर्मचारियों को भी इस योजना में शुल्क देना होगा।   1100 रुपए देकर 5 श्रद्धालु माता के दरबार में हाजिरी भर सकेंगे, वहीं दिव्यांगों के लिए कोई शुल्क नहीं रखा गया है। दिव्यांग संग मंदिर जाने वाले अटैंडैंट से 50 रुपए शुल्क तय किया गया है। इसी क्रम में सीनियर सिटीजन व गंभीर बीमारियों से ग्रस्त भी इस सुविधा का मुफ्त लाभ ले सकेंगे। इन सुविधाओं का लाभ लेने वाले श्रद्धालुओं को अपने आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज पास काऊंटर पर दिखाने के बाद पास सैंक्शन होगा। इसके बाद श्रद्धालु दर्शनों को जा पाएंगे।उधर, इस संबंध में मंदिर आयुक्त एवं डी.सी. ऊना राघव शर्मा ने बताया कि सुगम दर्शन प्रणाली को मंदिर न्यास चिंतपूर्णी में लागू किया गया है।

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