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प्रयागराज महाकुंंभ में मौनी अमावस्या पर होगा सबसे बड़ा स्नान, जानें इसका महत्व

प्रयागराज

अगले साल 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है, जो दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक त्योहार माना जाता है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु और साधु-संत यहां जुटेंगे और आस्था की डुबकी लगाएंगे। महाकुंभ में कुल छह शाही स्नान होंगे, जिनकी शुरुआत 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से होगी।

महाकुंभ का सबसे बड़ा स्नान मौनी अमावस्या के दिन होगा, जिसे बेहद खास माना जाता है। मौनी अमावस्या पर शाही स्नान अगले साल 29 जनवरी को होगा। इस दिन का शुभ मुहूर्त सुबह 5:25 बजे से 6:18 बजे तक रहेगा।

मौनी अमावस्या का धार्मिक महत्व काफी अधिक है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन तीर्थस्थलों पर स्नान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है। साथ ही मौन व्रत रखने और दान-पुण्य करने से विशेष फल प्राप्त होता है। सालभर में 12 अमावस्या होती हैं, लेकिन माघ महीने की अमावस्या को सबसे खास माना गया है, जिसे मौनी अमावस्या कहते हैं। महाकुंभ के साथ मौनी अमावस्या का संयोग धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है।

हिंदू धर्म में इस दिन दान का भी बड़ा महत्व है। मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर दान करने से व्यक्ति के सभी पापों का प्रायश्चित होता है। पितरों को तर्पण और दान करने से वे प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

 

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