मध्‍यप्रदेश

Bhopal में बढ़ता साइबर फ्रॉड, साल दर साल बढ़ता गया ठगी का Graph

भोपाल

मध्य प्रदेश साइबर फ्रॉड करने वाले डिजिटल ठगों के निशाने पर है. हालत ये है कि यहां डिजिटल ठगी के मामलों में 130% की वृद्धि दर्ज की गई है. फर्जी कस्टमर केयर कॉल, डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड, और ऑनलाइन ठगी के मामलों ने नागरिकों के सामने चुनौतियां बढ़ा दी हैं. इसी कड़ी में सितंबर में भोपाल की श्वेता सेंगर मोबाइल रिचार्ज करने के नाम पर 61,000 रुपये की ठगी का शिकार हो गईं.उन्होंने गूगल पर कस्टमर केयर नंबर खोजा और अनजाने में एक साइबर अपराधी से संपर्क कर लिया. वह व्यक्ति खुद को कस्टमर सपोर्ट एग्जीक्यूटिव बता रहा था.

इसके बाद उसने बैंक बैलेंस चेक करने और पिन डालने को कहा. जैसे ही महिला ने पिन डाला, महिला के खाते से कुछ ही सेकंड में 61,000 रुपये निकल गए. साथ ही मेरे फोन में एक ऐप इंस्टॉल हो गया, जिसके बारे में महिला को जानकारी नहीं थी. उसने बताया कि यह रकम उनकी मेहनत की बचत थी, जिसे बच्चों की स्कूल फीस और घर के खर्चों के लिए रखा गया था. उन्होंने निराशा जताई कि मुझे नहीं लगता कि ये पैसे कभी वापस आएंगे.

साल भर में ठगी की राशि में 80% का इजाफा गृह विभाग की जानकारी के मुताबिक, 2023 में ऑनलाइन ठगी के भोपाल में 53, इंदौर में 184 मामले सामने आए। पूरे मध्यप्रदेश में साल 2023 में 444 मामलों में 19 करोड़ रुपए की ठगी हुई।

इस साल 2024 में ठगी की राशि बढ़कर 94 करोड़ हो गई। 2024 में भोपाल में 77, इंदौर में 141, जबलपुर में 94, उज्जैन में 44 मिलाकर प्रदेश में कुल 521 मामले सामने आए। ऑनलाइन ठगी के मामलों में 2023 की तुलना में 2024 में 20% की बढ़ोत्तरी हुई, लेकिन ठगी की राशि पांच गुना ज्यादा बढ़ी है।

साइबर अपराध के चौंकाने वाले आंकड़े विधानसभा में पेश

मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री और गृह मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल पर राज्य में बढ़ते साइबर अपराध के आंकड़े साझा किए.

डिजिटल अरेस्ट के मामले

    2024 में: 26 मामले दर्ज हुए, जिनमें 12.60 करोड़ रुपये की ठगी की गई.
    2023 में: केवल 1 मामला था, जिसमें ₹96,968 का नुकसान हुआ था.
    रिकवरी: 2024 में कुल ठगी की राशि में से सिर्फ ₹72.38 लाख (5.74%) की ही वापसी हो पाई.

साइबर अपराधियों की गिरफ्तारियां

अब तक 38 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से ज्यादातर आरोपी राजस्थान, बिहार, गुजरात, केरल और जम्मू-कश्मीर से हैं.

कुल साइबर फ्रॉड के आंकड़े

    2023 और 2024 में साइबर फ्रॉड से राज्य के लोगों को ₹150 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ.

    2023 में 444 मामले दर्ज हुए, जिनमें ₹44.26 करोड़ का नुकसान हुआ.
    2024 में मामलों की संख्या बढ़कर 521 हो गई, जो 17% की वृद्धि है.
    नुकसान बढ़कर ₹93.60 करोड़ हो गया, यानी 111% की वृद्धि दर्ज है.
    2023 में 20% की रिकवरी हुई थी, जबकि 2024 में यह घटकर केवल 9% रह गई.

प्रमुख प्रभावित क्षेत्र

इंदौर सबसे अधिक प्रभावित रहा, जहां 2023 में 184 और 2024 में 141 मामले दर्ज हुए. राजधानी भोपाल में 2023 में 53 और 2024 में 77 मामले सामने आए.

श्वेता सेंगर का अनुभव और विधानसभा में प्रस्तुत आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि मध्य प्रदेश में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है. फर्जी कस्टमर केयर कॉल, डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड, और ऑनलाइन ठगी के मामलों ने नागरिकों की सुरक्षा को चुनौती दी है. विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि लोग ऑनलाइन जानकारी साझा करने में सतर्क रहें और संदिग्ध कॉल्स से बचें.

510 साइबर अपराधी गिरफ्तार मध्यप्रदेश में 2023 और 2024 में ऑनलाइन ठगी के 965 मामलों में 138 करोड़ और डिजिटल अरेस्ट के 27 मामलों में 14 करोड़ रुपए की ठगी हुई। गृह विभाग के अफसरों ने बताया कि साइबर अपराधियों से 18 करोड़ रुपए की राशि जब्त की गई है। 510 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। ज्यादातर मामलों में पुलिस, बैंक, आयकर विभाग, सीबीआई, कस्टम, ट्राई के अधिकारी बनकर लोगों से ठगी की गई थी।

साल 2023 में डिजिटल अरेस्ट का 1 केस डिजिटल अरेस्ट का साल 2023 में केवल एक मामला दर्ज हुआ था। भोपाल के साइबर पुलिस हेड क्वार्टर ने डिजिटल अरेस्ट का एक केस दर्ज किया था। इसमें ठगों ने 96,968 रुपए की ठगी की थी।

साल 2024 में डिजिटल अरेस्ट के 26 मामले दर्ज किए गए, जिनमें ठगों ने 12 करोड़ 60 लाख 71 हजार 802 रुपए की ठगी की। पुलिस ने 38 आरोपियों को गिरफ्तार कर 72 लाख 38 हजार 927 रुपए की राशि पीड़ितों को वापस कराई है।

राजस्थान से केरल तक के अपराधियों ने एमपी में की ठगी साल 2024 में 9 मामले भोपाल के साइबर पुलिस हेड क्वार्टर में दर्ज किए गए। इन 9 मामलों में 3 करोड़ 4 लाख 77 हजार 626 रुपए की ठगी की गई थी। पुलिस ने दौसा (राजस्थान), ग्वालियर, नीमच, देवास, मंदसौर, डीडवाना (राजस्थान) से 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पीड़ितों को 14 लाख 33 हजार 720 रुपए की राशि वापस दिलाई है।

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