उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने भौंरी के शिक्षण संस्थानों का भ्रमण किया
भोपाल
उच्च शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार द्वारा भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान भोपाल में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों के साथ बैठक में चर्चा उपरांत भोपाल शहर को सेंट्रल रीजन के शैक्षणिक हब के रूप में विकसित करने पर निर्णय लिया गया, साथ ही शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों से एग्रो टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर की स्थापना करने पर भी चर्चा की गई।
उच्च शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार ने भौंरी स्थित शैक्षणिक संस्थानों का भ्रमण किया। इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में आईसर भोपाल में बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में जिसमें केंद्र एवं राज्य के शैक्षणिक संस्थानों निफ्ट भोपाल, आरजीपीवी भोपाल, एसपीए भोपाल, आईसीएमआर-निरह भोपाल, एनएफएसयू भोपाल, एनआईटीटीटीआर भोपाल आदि संस्थानों के निदेशक एवं कुलगुरू तथा राज्य शासन के अधिकारी प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
उपरोक्त बैठक में सभी ने उच्च शिक्षा मंत्री परमार को शिक्षा में नवाचार, न्यू एजुकेशन पॉलीसी के म.प्र. के शैक्षणिक संस्थानों में लागू करने तथा भोपाल को शैक्षणिक केन्द्र स्थल (हब) के रूप में विकसित करने की पहल करने के लिए धन्यवाद दिया।
बैठक के दौरान निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा की गई
प्रो. गोवर्धन दास, निदेशक, आईसर भोपाल ने भौंरी क्षेत्र में एग्रो टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर की स्थापना करने का प्रस्ताव दिया जिस पर उपस्थित सभी निदेशकों एवं कुलगुरू ने सहमति दी।
उक्त सुझाव पर माननीय मंत्रीजी ने एग्रो टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर की स्थापना भौंरी क्षेत्र में ही करने और साथ ही यहां एक कन्वेन्शन सेंटर को भी स्थापित करने की सलाह दी एवं बैठक से पूर्व दौरा की गई आईआईएसईआर भोपाल और निफ्ट से सटे भौरी बाइपास मुख्य सड़क पर स्थित 7 एकड़ भूमि जो कि एयरपोर्ट से लगभग 10 किलोमीटर कि दूरी पर है को उपरोक्त कन्वेन्शन सेंटर स्थापित करने के लिए उपयुक्त पाया। इस संबंध में परमार ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल को इसे मूर्त रूप देने की पहल करने हेतु निर्देशित किया। यह कन्वेंशन सेंटर बुद्धिजीवी, वैज्ञानिक, राजनयिक, नीति निर्माता, न्यायविद, लेखक, कलाकार राजनेता, और नागरिक समाज के सदस्य अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की भावना में नए विचारों और ज्ञान के आदान-प्रदान करने में मददगार साबित होगा।
मंत्री परमार ने उपस्थित सभी कुलपति एवं निदेशकों से प्रदेश के शैक्षणिक विकास के लिए अपने-अपने शैक्षणिक संसाधनों को देश/प्रदेश के हित में साझा करने एवं शिक्षण और शोद्यार्थियों के आदान-प्रदान करने पर जोर दिया एवं केंद्रीय शिक्षण संस्थानों द्वारा राज्य शासन के शिक्षण संस्थानों को शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग करने की पहल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मध्यप्रदेश सरकार की दूरदर्शी नीति के फलस्वरूप राष्ट्रीय महत्व के कई संस्थान भौंरी में स्थापित किए गए हैं जो अब राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं। मंत्रीजी ने यह इच्छा जतायी कि जब शासन द्वारा भौंरी क्षेत्र को शैक्षणिक हब में स्थापित किया जा रहा है तो क्यों ना केंद्र एवं राज्य शासन के द्वारा भविष्य में प्रस्तावित अन्य नए संस्थानों को भी भौंरी में स्थापित किया जाए।
मंत्री परमार ने यह जानकर बहुत खुशी जाहिर की कि भौंरी क्षेत्र में स्थित राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में बहुत बड़ी संख्या में छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। मंत्री परमार ने उपस्थित शासन के प्रतिनिधियों को इनकी सुरक्षा एवं क्षेत्र में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए निर्देशित किया।