राजनीतिक

संभल हिंसा का मामला लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी उठा, हिंसा को ‘योजनाबद्ध तरीके’ से अंजाम दिया गया

नई दिल्ली
संभल हिंसा का मामला मंगलवार को लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी उठा। समाजवादी पार्टी (सपा) की तरफ से रामगोपाल यादव ने संभल में हुई हिंसा का मुद्दा उठाया और दावा किया कि विधानसभा उपचुनाव के दौरान हुई 'चुनावी गड़बड़ियों' से ध्यान भटकाने के लिए हिंसा को 'योजनाबद्ध तरीके' से अंजाम दिया गया। जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ कुछ लोग ढोल-नगाड़े बजाते हुए मस्जिद में प्रवेश कर गए। इससे तोड़फोड़ की आशंका हुई और अशांति फैली। रामगोपाल यादव ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाया और फिर बाद में उनकी पार्टी के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

रामगोपाल ने कहा कि संभल में 500 साल पुरानी मस्जिद के सर्वे के लिए 19 नवंबर को एक वकील ने मुंसिफ मजिस्ट्रेट के यहां एक आवेदन दिया और दो घंटे के अंदर शांतिमय तरीके से सर्वे भी हो गया। उन्होंने कहा कि इसके बाद 24 नवंबर को सुबह छह बजे पूरे संभल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया और थोड़ी देर बाद वहां के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, आवेदन देने वाले वकील और कुछ लोग ढोल-नगाड़े बजाते हुए मस्जिद में प्रवेश कर गए।

रामगोपाल ने कहा कि इससे स्थानीय लोगों को संदेह हुआ कि वे मस्जिद में तोड़फोड़ करने जा रहे हैं और फिर वहां अशांति फैली। उन्होंने कहा कि पुलिस ने गोली चलाई, पांच लोग मारे गए और 20 से अधिक लोग घायल हुए। सैकड़ों लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए। बहुत सारे लोग जेलों में हैं और जिन्हें पकड़ लिया गया उन्हें बुरी तरह मारा गया।

उन्होंने कहा कि मेरा और लोगों का यह मानना है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश में जो चुनाव हुए थे… उसमें बगल के जिलों में किसी को वोट डालने नहीं दिया गया और जबरदस्ती चुनाव पर कब्जा कर लिया था, उससे ध्यान बंटाने के लिए यह सब योजनाबद्ध तरीके से कराया गया।

रामगोपाल अभी बोल ही रहे थे कि सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आपसे आशा करता हूं कि आप संयम बरतेंगे। सभापति ने यादव से कहा कि आपने अपनी बात रख दी। इसके बाद उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के पी संदोष कुमार का नाम पुकारा।

रामगोपाल ने आसन से कहा कि अभी तीन मिनट तो हुए भी नहीं है फिर भी उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है। शून्यकाल के दौरान सदस्य को अपनी बात रखने के लिए उन्हें तीन मिनट का समय दिया जाता है। इसके बाद सपा के सदस्य सदन से वाकआउट कर गए।

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