बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा हिमंत बिस्वा सरमा ने फिर उठाया, कहा- ‘आने वाले दिनों में…’
गुवाहाटी.
झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली NDA की हार के बाद इस पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की प्रतिक्रिया सामने आई है। वो झारखंड चुनाव के लिए सह प्रभारी बनाए गए थे। सीएम सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके JMM और उसके सहयोगी दलों को शानदार जीत पर बधाई दी है। इसके साथ ही झारखंड चुनाव में मिली हार को व्यक्तिगत रूप से दुखद बताया।
मैंने लोगों का अथक प्रयास देखा
असम सीएम ने सोशल मीडिया पर लिखा कि 'झारखंड में हार मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत दुखद है, भले ही हमने असम में सभी पांच उपचुनावों में जीत हासिल की हो। मैंने झारखंड में अपने कार्यकर्ताओं के अटूट समर्पण और अथक प्रयासों को देखा है, जिन्होंने इस चुनाव में अपना सब कुछ झोंक दिया। हमने राज्य को घुसपैठ से बचाने और छात्रों और युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करते हुए इसे विकास के पथ पर ले जाने के दृष्टिकोण के साथ चुनाव लड़ा।' शनिवार को खुद बनाए गए एक वीडियो में हिमंत ने कहा कि झारखंड में विफल होने का मतलब यह नहीं है कि वह हार मान लेंगे। हम अपने उद्देश्य में भले ही सफल नहीं हुए हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपना काम छोड़ दें।
घुसपैठ के मुद्दे पर बोले हिमंत बिस्वा सरमा
असम सीएम ने कहा कि हमने झारखंड के लोगों से मुलाकात की है। मेरा अब भी मानना है कि घुसपैठ की समस्या आने वाले दिनों में काफी नुकसान पहुंचा सकती है। मैं झारखंड सरकार से अनुरोध करूंगा कि घुसपैठियों को बाहर निकालना हमारी जिम्मेदारी है। मुझे विश्वास है कि राज्य सरकार इसका पालन करेगी।
बांग्लादेशी घुसपैठ पर केंद्रित रहा प्रचार
बता दें कि झारखंड चुनाव में बीजेपी और NDA के सहयोगी दलों ने चुनाव प्रचार को बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर केंद्रित रखा। असम सीएम ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देने सहित कई गंभीर आरोप लगाए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने झारखंड में बीजेपी की सरकार बनने पर इसे लेकर कानून बनाने की बात भी कही, लेकिन झारखंड की जनता ने इन सभी मुद्दों को नकार दिया। जनता ने एक बार फिर हेमंत सोरेन की सरकार को चुना।
झारखंड की जनता ने सीएम सोरेन पर जताया विश्वास
झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने 34 सीटें जीतीं, जबकि उसके सहयोगी दलों ने 22 सीटें जीतीं। JMM के सहयोगियों में, कांग्रेस ने 16 सीटें, राजद ने चार सीटें और CPI-ML ने दो सीटें जीतीं। वहीं भाजपा ने 21 सीटें जीतीं, और उसके सहयोगी AJSU, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और JD-U ने एक-एक सीट जीती।