कारोबार

शेयर मार्केट में आज भारी गिरावट आई, सेंसेक्स 800 अंक गिरा, निफ्टी 24,000 से नीचे

मुंबई

घरेलू शेयर बाजार मंगलवार को तेजी के साथ खुले लेकिन बैंकिंग, वित्तीय और ऑटो शेयरों में गिरावट के कारण इसमें भारी गिरावट रही। आय के मोर्चे पर कंपनियों के निराशाजनक प्रदर्शन और विदेशी निवेशकों की निकासी से बाजार में गिरावट आई। बीएसई सेंसेक्स 820.97 अंक यानी 1.03% गिरावट के साथ 78,675.18 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 50 इंडेक्स भी 257.85 अंक यानी 1.07 अंक की गिरावट के साथ 23,883.45 अंक पर आ गया। इस गिरावट से बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 5.76 लाख करोड़ रुपये घटकर 436.78 लाख करोड़ रुपये रह गया।

एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स और बजाज फाइनेंस सेंसेक्स में सबसे अधिक गिरावट वाले शेयर रहे। इनमें 2-3% की गिरावट आई। अकेले एचडीएफसी बैंक ने सेंसेक्स में कुल गिरावट में 324 अंकों का योगदान दिया। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी. के. विजयकुमार ने कहा कि कंसोलिडेट कर रहे मार्केट में दो मजबूत कारक काम कर रहे हैं। पहला, एफआईआई द्वारा लगातार की जा रही बिकवाली ने मंदड़ियों को लाभ पहुंचाया है। इसने बाजार को नीचे की ओर खींचा है। दूसरा, डीआईआई की निरंतर खरीद ने बाजार को सहारा दिया है। आज की बिकवाली में प्रमुख कारक इस प्रकार हैं:

1. एशियाई बाजारों में गिरावट

मंगलवार को एशियाई शेयरों में गिरावट आई। इसकी वजह चीनी बाजारों और सेमीकंडक्टर शेयरों में गिरावट रही। निवेशकों ने अमेरिका में राष्ट्रपति निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर चिंता जताई। इस बीच, बिटकॉइन रेकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। उम्मीद की जा रही थी कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में यह अच्छा प्रदर्शन करेंगी। बाजार आशावादी हैं कि ट्रंप का दूसरा कार्यकाल कर कटौती और कम रेगुलेशन लाएगा। इससे इक्विटी को बढ़ावा मिलेगा। इस आशावाद ने बिटकॉइन को $89,637 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचाने में मदद की।

2. एफआईआई की बिकवाली

11 नवंबर को, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने अपनी बिकवाली की प्रवृत्ति को बनाए रखा और 2,306 करोड़ रुपये के इक्विटी बेचे। इस बीच, नवंबर में अब तक, एफआईआई ने 23,547 करोड़ रुपये के इक्विटी बेचे हैं जबकि अक्टूबर में 94,017 करोड़ रुपये के इक्विटी बेचे गए थे।

3. तेल में उतार-चढ़ाव

मंगलवार को तेल की कीमतों में थोड़ा बदलाव हुआ। ओपेक की मासिक रिपोर्ट से आगे का रास्ता साफ होने की उम्मीद है। चीन की नई प्रोत्साहन योजना और अधिक आपूर्ति के मुद्दों पर निवेशकों की चिंताओं ने धारणा को प्रभावित किया। ब्रेंट क्रूड वायदा 4 सेंट बढ़कर $71.87 प्रति बैरल हो गया, जबकि यू.एस. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड वायदा 1 सेंट गिरकर $68.03 प्रति बैरल हो गया।

4. रुपये में गिरावट

भारतीय रुपया मंगलवार को अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। चीनी युआन और अन्य क्षेत्रीय करेंसीज में गिरावट के कारण दबाव में आया। अमेरिकी चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद अमेरिकी डॉलर में तेजी जारी रही। हालांकि, व्यापारियों ने कहा कि RBI के संभावित हस्तक्षेप ने मुद्रा की गिरावट को रोकने में मदद की। शुरुआती कारोबार में रुपया 84.40 प्रति डॉलर के निचले स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले सत्र में 84.3925 के अपने पिछले सर्वकालिक निचले स्तर से थोड़ा आगे निकल गया। यह पिछली बार 84.3950 पर लगभग स्थिर था।

5. महंगाई के आंकड़े

बाजार बंद होने के बाद महंगाई के आंकड़े जारी किए जाएंगे। विश्लेषकों को उम्मीद है कि अक्टूबर के मुद्रास्फीति के आंकड़े बढ़कर 5.8% के आसपास पहुंच जाएंगे, जो 14 महीने का उच्चतम स्तर है। यह डेटा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है। इससे यह तय होगा कि आरबीआई दिसंबर में 25 आधार अंकों की दर कटौती के साथ आगे बढ़ेगा या नहीं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button