आंध्र प्रदेश में बढ़ती बुजुर्गों की आबादी और बच्चों के कम पैदा होने पर CM चंद्रबाबू नायडू ने चिंता व्यक्त की है
अमरावती
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने बढ़ती उम्रदराज आबादी के बारे में चिंता जाहिर की है. इसे लेकर बढ़ती चिंताओं का हवाला देते हुए उन्होंने दक्षिणी राज्यों के परिवारों से अधिक बच्चे पैदा करने का आग्रह किया. नायडू ने देश के जनसांख्यिकीय लाभ को बनाए रखने के लिए क्षेत्र में युवा आबादी को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया.
अपने संबोधन के दौरान, मुख्यमंत्री ने बड़े परिवारों को प्रोत्साहित करने वाले कानून को पेश करने की योजना का खुलासा किया. नायडू ने घोषणा की, "सरकार केवल दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के लिए पात्र बनाने के लिए कानून लाने की योजना बना रही है."
बढ़ती उम्रदराज आबादी पर जाहिर की चिंता
इस कदम का उद्देश्य परिवारों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करना और आने वाले वर्षों में एक युवा, अधिक जीवंत आबादी सुनिश्चित करना है. नायडू ने आंध्र प्रदेश सहित दक्षिण भारत में बढ़ती उम्रदराज आबादी के उभरते मुद्दे पर प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा, "हालांकि हमारे पास 2047 तक जनसांख्यिकीय लाभ है, लेकिन दक्षिण भारत में उम्र बढ़ने की समस्या के संकेत दिखाई देने लगे हैं. जापान, चीन और कुछ यूरोपीय देशों जैसे कई देश इस मुद्दे से जूझ रहे हैं, जहां आबादी का एक बड़ा हिस्सा बुजुर्ग है." उन्होंने कहा कि बेहतर अवसरों की तलाश में युवा लोगों के देश के दूसरे हिस्सों या विदेश में पलायन के कारण दक्षिणी राज्यों में यह चुनौती और भी बदतर हो गई है.
ट्रेंड जारी रहा तो दिक्कतें बढ़ेंगी- नायडू
CM नायडू ने कहा, "आंध्र प्रदेश और देश भर के कई गांवों में केवल बुजुर्ग लोग ही बचे हैं. युवा पीढ़ी शहरों में चली गई है." नायडू ने आगे कहा कि दक्षिणी राज्यों में प्रजनन दर पहले ही 1.6 तक गिर गई है, जो राष्ट्रीय औसत 2.1 से काफी कम है. उन्होंने चेताते हुए कहा, "अगर प्रजनन दर में गिरावट जारी रही, तो हम 2047 तक गंभीर वृद्धावस्था समस्या का सामना करेंगे, जो वांछनीय नहीं है."