दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कोरोनाकाल के दौरान बंद किए गए सभी ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया
बिलासपुर
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में सभी यात्री गाडियों का नियमित परिचालन अपने निर्धारित समयानुसार किया जा रहा है। कोरोनाकाल के दौरान बंद किए गए सभी ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही यात्रियों की सुविधा एवं मांग को देखते हुए गत वित्तीय से अब तक विभिन्न स्टेशनों में अलग-अलग ट्रेनों के 32 ठहराव को रिस्टोर किया गया तथा 21 नए ठहराव दिये गए, जिनमें छोटे बड़े सभी स्टेशन शामिल है। रेल यात्रियों को अधिकाधिक कनफर्म बर्थ/ सीट की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु गत वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं इस वर्ष के अप्रैल माह से अब तक विभिन्न ट्रेनों में 78 स्थायी रूप से लगाया गया। साथ ही भीड़भाड़, त्योहारों एवं छुट्टियों में 2550 अस्थायी अतिरिक्त कोच लगाए गए, जिससे 1 लाख 80 हजार से अधिक यात्रियों को कनफर्म बर्थ की सुविधा मिली।
इसी प्रकार इस वर्ष के अप्रैल से सितंबर महीने तक तीव्र रेल विकास कार्यों (नॉन-इंटरलाकिंग) के दौरान प्रतिदिन चलने वाली औसत यात्री गाडि?ों में से महज 1 प्रतिशत से भी कम को कैंसिल किया गया। इसमें बिलासपुर-झारसुगुड़ा चौथी लाइन, राजनांदगांव-नागपुर तीसरी लाइन, अनुपपुर-कटनी तीसरी लाइन तथा आॅटोमैटिक सिग्नलिंग के कार्य किए जा रहे हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में प्रतिदिन औसत 247 मेल/एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन किया जाता है। इन 6 महीनों में 35 दिनों के कार्य के दौरान कुल 28 ट्रेनों को कैंसिल किया गया, जो कि प्रतिदिन चलने वाली गाडि?ों का माज 1 प्रतिशत से भी कम है। अभी हाल ही में सक्ती यार्ड में किए जा रहे कार्य के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए रद्द की गई गाडि?ों को रक्षा बंधन पर्व के अवसर पर पुन: शुरू किया गया।
समय के साथ रेल यात्रियों की संख्या व रेलों के माध्यम से परिवहन की जाने वाली आवश्यक वस्तुओं की मात्रा में काफी वृद्धि हो रही है। हमारे देश में परिवहन का सबसे बड़ा और लोकप्रिय माध्यम भारतीय रेल के ऊपर दिन प्रतिदिन यात्री एवं माल यातायात का दबाव बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में बढ?े वाली रेल ट्रैफिक की मांग व जरूरतों को ध्यान में रखकर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में वृहद स्तर बुनियादी संरचना और क्षमता वृद्धि के कार्य निरंतर किए जा रहे है, जिसका लाभ आने वाले दिनों में इस क्षेत्र के निवासियों को निश्चित ही मिलेगा।
इसी कड़ी में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में तेजी से नई रेल लाइन, दोहरीकरण, तिहरीकरण एवं चौथी लाइन के कार्य किए जा रहे है। इन निर्माण कार्यों में केवल नॉन-इंटरलाकिंग कार्य के ही दौरान आवश्यकता होने पर ही कुछ ट्रेनों का परिचालन रद्द, मार्ग परिवर्तित या पुनर्निर्धारित कर कार्य को पूर्ण किया जाता है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में रेल विकास कार्यों (नॉन-इंटरलाकिंग) के दौरान अप्रैल माह में दुर्ग-भिलाई एवं एच केबिन, स्टेशनों में कुल 6 दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.06 प्रतिशत ट्रेनों को कैंसिल किया गया। इसी प्रकार मई माह में रायपुर एवं आरवीएच स्टेशनों के मध्य 2 दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.23 प्रतिशत, जून माह में झारीडीह स्टेशन यार्ड में 2 दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.09 प्रतिशत, जुलाई माह में नैला, गुदमा एवं कांप्टी स्टेशनों में 10 दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.47 प्रतिशत, अगस्त माह में सक्ती एवं जी केबिन स्टेशनों में 6 दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.49 प्रतिशत, सितंबर माह में बधवावारा व कुम्हारी एवं भिलाई स्टेशनों में 9 दिनों के कार्य में केवल 2.23 प्रतिशत ट्रेनों को रद्द किया गया।
भविष्य की जरूरतों के लिए बुनियादी संरचना और क्षमता वृद्धि कार्य अत्यावश्यक है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का हमेशा ही प्रयास रहता है कि इन कार्यों के दौरान आवश्यकता पड?े पर ही कम से कम ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हो। भारतीय रेल यात्रियों को सुविधा प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है ना केवल वर्तमान में, बल्कि भविष्य में भी सुविधाओं में निरंतर विकास होता रहेगा।