राजनीतिक

उपचुनाव के नतीजे आने के बाद प्रदेश की विधानसभा का गणित बदल जाएंगे

भोपाल

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट पर हुए उपचुनाव की मतगणना जारी है. वहीं आज नतीजे आने के बाद प्रदेश की विधानसभा के समीकरण बदल जाएंगे. दरअसल, एमपी में 230 विधानसभा सीट हैं. सात महीने पहले संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश की इन 230 सीटों में से 163 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी, जबकि 66 पर कांग्रेस और एक निर्दलीय के खाते गई थी.

हालांकि अलग-अलग कारणों से तीन विधायकों ने विधायकी पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद प्रदेश में विधायकों की संख्या 227 रह गई थी, लेकिन आज छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा सीट पर हुए उपचुनाव के परिणामों के बाद प्रदेश में विधायकों की संख्या 228 हो जाएगी, जिसके बाद दो सीटें और रिक्त रहेंगी, जिन पर उपचुनाव होना शेष हैं.

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली थी और उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा भी दे दिया था. अमरवाड़ा सीट रिक्त होने पर चुनाव आयोग द्वारा यहां उपचुनाव कराए गए. उपचुनाव के लिए 10 जुलाई को मतदान हुआ, जबकि आज 13 जुलाई को मतगणना हो रही है. अमरवाड़ा सीट से बीजेपी ने कमलेश शाह को ही अपना प्रत्याशी बनाया था. अमरवाड़ा सीट के परिणामों के बाद प्रदेश में विधायकों की संख्या 228 हो जाएगी.

दो सीटें अभी भी खाली
प्रदेश में दो विधानसभा सीटें अभी भी खाली हैं. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में विदिशा संसदीय सीट से जीत दर्ज की और अब वह केंद्रीय कृषि मंत्री हैं. शिवराज सिंह चौहान सीहोर जिले की बुदनी विधानसभा से विधायक भी थे, लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्री बनने के बाद उन्होंने विधायकी से इस्तीफा दे दिया था.

इसी तरह दूसरी विजयपुर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां से कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. बीजेपी ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया है. कैबिनेट मंत्री बनने के बाद रामनिवास रावत ने भी विधायकी से इस्तीफा दे दिया है. अब इन दोनों ही सीटों पर उपचुनाव होना है.

अभी एक सीट पर और संशय
वहीं लोकसभा चुनाव से पहले दलबदल के दौर में बीना से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने भी कांग्रेस को छोडक़र भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी. हालांकि विधायक निर्मला सप्रे ने अब तक विधायकी पद से इस्तीफा नहीं दिया है.

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