खेल संसार

टी20 विश्व कप में परिवार को साथ ले जाने के लिए पाक खिलाड़ियों की आलोचना

लाहौर
 पाकिस्तान के अमेरिका में टी20 विश्व कप अभियान के लिए खिलाड़ियों के खिलाफ नाराजगी भरी प्रतिक्रियायें शुरू हो गई हैं जिनकी अपने परिवार को साथ में ले जाने के लिए आलोचना की जा रही है और विवादों में घिरा क्रिकेट बोर्ड इन ‘अपुष्ट दावों और खबरों’ से निपटने के लिए एक नये मानहानि नियम का इस्तेमाल करने पर विचार कर रहा है।

पाकिस्तान न्यूयॉर्क में अपने ग्रुप लीग चरण मैच में भारत और पदार्पण कर रहे अमेरिका से हारकर बाहर हो गया था।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में करीब 34 खिलाड़ियों, सहयोगी स्टाफ और अधिकारियों के अलावा टीम होटल में 26 से 28 पारिवारिक सदस्य भी मौजूद थे। इन सदस्यों में पत्नियां, बच्चे, माता-पिता और यहां तक कि भाई बहन भी शामिल थे।

रिपोर्ट के अनुसार बाबर आजम, हारिस राऊफ, शादाब खान, फखर जमां और मोहम्मद आमिर उन खिलाड़ियों में शामिल थे जिनके परिवार के सदस्य उनके साथ अमेरिका गये थे। बाबर शादीशुदा नहीं हैं जिससे टीम होटल में उनके माता-पिता और भाई रूके हुए थे।

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘परिवार को ले जाने से जो अतिरिक्त खर्चा हुआ, उसका भुगतान निश्चित रूप से खिलाड़ियों द्वारा किया गया लेकिन परिवार के सदस्यों के साथ होने से खिलाड़ियों के फोकस पर असर पड़ता है।’’

एक रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘टीम जहां रूकी थी, वहां टीम के साथ यात्रा कर रहे अन्य लोगों को ठहराने के लिए करीब 60 कमरे बुक किये गये थे। वहां पारिवारिक माहौल था जिसमें कुछ खिलाड़ियों के लिए ‘टेक अवे डिनर’ और बाहर जाना सामान्य था।’’

पूर्व टेस्ट विकेटकीपर अतीक उज जमां ने कहा कि वह समझ सकते हैं कि खिलाड़ियों को ‘लो प्रोफाइल’ या द्विपक्षीय दौरों पर अपने साथ परिवार की जरूरत होती है। लेकिन विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को इसकी अनुमति नहीं देनी चाहिए थी।

जमां ने कहा, ‘‘विश्व कप में किसी भी परिवार को खिलाड़ियों के साथ जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी क्योंकि खिलाड़ियों को क्रिकेट पर फोकस करने की जरूरत थी। जब आपके साथ परिवार होता है तो खिलाड़ियों का ध्यान और समय क्रिकेट से बंट जाता है।’’ आमिर तो अपने खर्चे पर अपने व्यक्तिगत ट्रेनर को भी लेकर गये थे जबकि टीम के पास विदेशी ट्रेनर, स्ट्रेंथ कंडिशनिंग कोच, फिजियो और डॉक्टर मौजूद था।

वहीं पीसीबी अपुष्ट खबरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहा है। पीसीबी इस नये मानहानि कानून का इस्तेमाल डिजिटल और मुख्यधारा की मीडिया के खिलाफ करेगा जो विश्व कप में पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हें या फिर उनके बारे में व्यक्तिगत टिप्पणियां करते हैं।

पीसीबी के एक विश्वस्त सूत्र ने कहा कि बोर्ड के विधि विभाग ने इस नये मानहानि कानून के अंतर्गत संभावित नोटिस पर काम करना भी शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘इन लोगों से उनके आरोप साबित करने को कहा जायेगा और इस नये मानहानि कानून के अंतर्गत ऐसा नहीं करने की स्थिति में कार्रवाई का सामना करना होगा।’’

पंजाब विधानसभा ने हाल ही में डिजिटल मीडिया और मानहानि कानून से संबंधित विधेयक पारित किया है, जिसके तहत यदि कोई डिजिटल पत्रकार या मीडियाकर्मी किसी उच्च पद पर आसीन व्यक्ति पर निराधार आरोप लगाता है या व्यक्तिगत हमला करता है तो दोषी पाए जाने पर उसे भारी जुर्माना और जेल भी हो सकती है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button