छत्‍तीसगढ़

जब चार साल के थे रामलाल बरेठ, महाराजा चक्रधर सिंह ने पहचानी थी उनकी प्रतिभा, अब मिलेगा पद्मश्री

रायपुर.

पद्मश्री के लिए चयनित रायगढ़ घराने के कत्थक नर्तक रामलाल बरेठ जब केवल 4 साल के थे, तभी महाराजा चक्रधर सिंह ने उनमें छिपी नृत्य की प्रतिभा पहचान ली थी। उन्होंने उनके पिता और इतने ही प्रतिभाशाली कत्थक कलाकार कीर्तनराम से कहा कि इसके कत्थक की प्रशिक्षण की व्यवस्था मैं अपनी देखरेख में करूंगा। उन्होंने देशभर के जाने-माने कलाकारों से बरेठ का प्रशिक्षण कराया।

महाराजा चक्रधर सिंह ने उन पर जो भरोसा दिखाया, उसे बरेठ ने पूरा किया। संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से लेकर पद्मश्री तक का सफर तय कर उन्होंने रायगढ़ घराने को नई ऊंचाई दी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें आज राज्य अतिथि गृह पहुना में आमंत्रित किया। साय ने कहा कि आपने छत्तीसगढ़ का गौरव पूरे देश में बढ़ाया है। मेरा सौभाग्य रहा है कि मैंने रायगढ़ की कला परंपराओं के बारे में काफी कहानियां सुनी हैं और महाराजा चक्रधर सिंह के बारे में भी काफी कुछ सुना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि महाराजा चक्रधर सिंह के बारे में यह कहा जाता है कि जब वो तबला बजाते थे तो इसमें लीन हो जाते थे और बारिश होने लगती थी। ऐसे महान कलाकार के संरक्षण में आपने कत्थक सीखा है इस पर हम सब गौरव करते हैं।

पंडित बिरजु महाराज के साथ स्नेहिल संबंध
बरेठ अभी 88 साल के हो चुके हैं। उनका आरंभिक जीवन आर्थिक कठिनाइयों से घिरा रहा। रायगढ़ रियासत में महाराजा चक्रधर सिंह के जाने के बाद उनके परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। बरेठ बताते हैं कि कत्थक नृत्य अकेले का कर्म नहीं है। आपको इसके लिए कुशल संगतकार चाहिए। इसकी व्यवस्था करने और रायगढ़ घराने की प्रतिष्ठा को बनाये रखने मैंने कठिन परिश्रम किया। बरेठ के देश के महान कत्थक कलाकारों के साथ बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। उन्होंने बताया कि पंडित बिरजु महाराज के साथ उनके बहुत स्नेहिल संबंध रहे हैं। पंडित बिरजु महाराज उन्हें बहुत स्नेह पात्र मानते थे। बिरजु महाराज का जन्म भी रायगढ़ में हुआ। अच्छन महाराज जैसे प्रतिभाशाली लोगों से सीखने का अवसर मिला और कत्थक की शानदार यात्रा रायगढ़ घराने के प्रोत्साहन से शुरू हुई।

अगली पीढ़ी भी कत्थक के लिए प्रशिक्षित कर रहे
बरेठ बताते हैं कि पहले फिल्मों में शास्त्रीय संगीत और नृत्य का बड़ा मान होता था। फिल्मों के लिए भी काम करने वाले अमीर खां साहब का बहुत निकट संबंध रायगढ़ घराने से रहा। अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित के पिता भी रायगढ़ घराने से संबद्ध रहे। अच्छी बात यह है कि बरेठ अगली पीढ़ी को भी कत्थक के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके दादा जी, पिता जी कत्थक से जुड़े रहे और अब बेटे भी कत्थक से जुड़े हैं। बरेठ ने कहा कि मोदी जी ने पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना है। इसकी मुझे बहुत गहरी खुशी है। आज मुख्यमंत्री ने मुझे पहुना में आमंत्रित कर सम्मान किया। रायगढ़ घराने के माध्यम से कत्थक पूरे देश में मजबूत हो। यही हम चाहते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button