राष्‍ट्रीय

देश में एक्सिडेंट से सबसे ज्यादा मौतें महाराष्ट्र में, जानें मुंबई की सड़कों के डेथ स्पॉट्स कहां

मुंबई

महानगर मुंबई के फुटपाथों पर कुछ लोगों ने अवैध रूप से कब्जा करके मुंबईकरों को सड़कों पर चलने को मजबूर कर दिया है। इसकी वजह से लोग न सिर्फ अपनी जान गंवा रहे हैं, बल्कि घर से बाहर निकलते ही उनके साथ कोई अनहोनी होने का खतरा भी मंडराने लगा है। ट्रैफिक और रोड सेफ्टी व ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट कमलाकर शिनॉय कहते हैं कि मुंबई में हॉकरों ने फुटपाथों पर कब्जा कर रखा है। दिन के समय सड़कों पर भारी भीड़ होती है। सरकारी लापरवाही है और ट्रैफिक-ट्रांसपोर्ट सिस्टम लचर है। इस वजह से बेकसूर लोगों की जान सड़क हादसे में जा रही हैं। मुंबई ट्रैफिक पुलिस से जुड़े एक अधिकारी विनायक मगर की मानें, तो ट्रैफिक व्यवस्था को सुनिश्चित करने की दिशा में ट्रैफिक पुलिस नित नए कदम उठा रही है, लेकिन मुंबई में ऐसे करीब 214 जगहों को हाल ही में विभाग ने चिन्हित किया है, जहां सामान्य की अपेक्षा औसतन अधिक सड़क हादसे होते हैं। दुर्घटना प्रभावित इन जगहों को डेथ पॉइंट कहा जाता है। हालांकि, राज्य सरकार, महाराष्ट्र पुलिस और स्थानीय महानगरपालिका, ट्रैफिक विभाग और ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रोपीज साथ मिलकर इस दिशा में काम कर रहे हैं।

ट्रैफिक हेडक्वॉर्टर से रखी जाती है कड़ी नजर

ट्रैफिक जंक्शनों को उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित बनाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत डेथ स्पॉट की डिजाइन में बदलाव, दो पहिया, चार पहिया, पैदल और साइकल चालकों के लिए दुर्घटना रहित डिजाइन तैयार किया जा रहा है। इन उपायों से उम्मीद है कि डेथ स्पॉट से गुजरने वाले वाहन चालक सड़क हादसे का शिकार नहीं बनेंगे। तकनीक पर आधारित ट्रैफिक व्यवस्था, सेपरेट लेन, हाई टेक कैमरे, स्पीडो मीटर और पैदल चलने वाले लोगों को प्राथमिकता देने जैसे विकल्पों को अपनाने पर ही नागरिक सुरक्षित रूप से सड़कों पर चल सकते हैं और सुरक्षित सड़क पार कर सकते हैं। इससे वाहनों और पैदल यात्रियों की सीधी टक्कर को भी रोका जा सकता है।

इसके अलावा ट्रैफिक-ब्लूमबर्ग रिपोर्ट में जिन-जिन सड़कों को सर्वाधिक खतरनाक माना गया है, वहां ट्रैफिक पुलिस की ओर से सुरक्षा व्यवस्था को कड़ी कर दी गई है। जीपीएस युक्त कैमरे, सीसीटीवी कैमरे को लगाने के अलावा विभिन्न सड़कों को ट्रैफिक पुलिस मुख्यालय से सीधा जोड़ा गया है, ताकि इन सड़कों पर वर्ली स्थित ट्रैफिक पुलिस हेडक्वॉर्टर की मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम से निगरानी की जा सके।

औसतन 7 से अधिक होती हैं सड़क दुर्घटनाएं

नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक मुंबई की सड़कों पर रोजाना हर दिन औसतन 2 लोगों की सड़क हादसे में मौत होती है, जबकि रोजाना औसतन 7 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। 2021 में तो यहां 376 लोगों की मौत किसी न किसी सड़क दुर्घटना में हुई थी, जबकि 2020 में यह आंकड़ा 349 था। हालांकि 2022 में यह आकंडा 364 हो गया। ऐसा नहीं है कि महानगर की सड़कें ही जानलेवा साबित हो रही हैं, बल्कि यहां के हाइवे भी डेथ स्पॉट बनते जा रहे हैं। हाइवे ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, राज्य की सड़कों पर 2021 में सबसे अधिक मौत हुई हैं। यह संख्या 13320 के करीब रही। यह आंकड़ा पिछले कुछ सालों में सर्वाधिक रहा है।

 

दुर्घटना प्रभावित जगहों को ऐसे बनाया जा रहा सुरक्षित

-सड़क पार करने की अनुमति देने वाले जेब्रा क्रॉसिंग की संख्या में इजाफा
– हॉकर मुक्त फुटपाथों को चौड़ा करना
– दो जेब्रा क्रॉसिंग के बीच की दूरियों को कम करना
-यातायात की गति को सीमित करने के लिए बैरियर लगाना

 

ये हैं संभावित दुर्घटना प्रभावित डेथ स्पॉट :

पूर्वी उपनगर : अमर महल जंक्शन चेंबूर, कांजुरमार्ग (पूर्व) जंक्शन, घाटकोपर (पूर्व), घाटकोपर- मानखुर्द जंक्शन, गोवंडी (पश्चिम), सायन चौक (पश्चिम), एलबीएस मार्ग पर कुर्ला (पश्चिम) जंक्शन, सायन -पनवेल एक्सप्रेस वे जंक्शन, घाटकोपर-मानखुर्द रोड पर मानखुर्द जंक्शन और घाटकोपर छेड़ा नगर जंक्शन

हादसों वाली चिन्हित जगहों के अलावा हादसों को रोकने के लिए ईस्टर्न और वेस्टर्न हाईवे पर नियमित रूप से रात में भी वाहनों की जांच जारी है। हाई स्पीड कैमरे का इंस्टॉलेशन हो रहा है और गलत दिशा में गाड़ी चलाने और नशा कर वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। इसके सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे हैं।

पश्चिमी उपनगर : बांद्रा जंक्शन (कलानगर चौक), जवाहरलाल नेहरू मार्ग, सांताक्रूज (पूर्व) का जंक्शन, जोगेश्वरी-विक्रोली लिंक रोड जंक्शन जोगेश्वरी (पूर्व), गोरेगांव- मुलुंड रोड, गोरेगांव (पूर्व) जंक्शन, सांताक्रूज- चेंबूर जंक्शन, साकीनाका जंक्शन अंधेरी (पूर्व), संजय गांधी नैशनल पार्क, बोरीवली (पूर्व)

अवैध रूप से सड़कों का कब्जा, वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों का सही तरीके से पालन नहीं करना और पुलिसकर्मियों द्वारा इन नियमों को सही से पालन नहीं करवाने के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। इसलिए सड़क हादसे में लोगों की असामयिक मौत हो रही हैं।

अशोक दातार, ट्रैफिक, ट्रांसपोर्ट एंड रोड सेफ्टी एक्सपर्ट

मुंबई शहर : किंग सर्कल ट्रैफिक जंक्शन, माटुंगा (पूर्व), एन.एस.फड़के मार्ग जंक्शन, ब्रीच कैंडी सर्कल महालक्ष्मी

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