अंतर्राष्ट्रीय

भारत-अमेरिका साझेदारी बनाएगी इतिहास, औपचारिक गठबंधन का रखा प्रस्ताव: माइक वाल्ट्ज

वाशिंटन
अमेरिका के अगले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार माइक वाल्ट्ज ने इस बात पर बल दिया है कि अमेरिका-भारत संबंध 21वीं सदी के "सबसे महत्वपूर्ण" संबंध हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह साझेदारी निर्धारित करेगी कि यह प्रकाश की सदी है या अंधकार की सदी। वाल्ट्ज को निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नामित किया गया है। वाल्ट्ज ने ये टिप्पणियां सितंबर में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में 'यूएस इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम' (यूएसआईएसपीएफ) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में की थीं। उन्होंने कहा, "मेरे विचार से यह (अमेरिका-भारत) 21वीं सदी का सबसे महत्वपूर्ण संबंध है। इससे यह तय होगा कि यह प्रकाश की सदी है या अंधकार की सदी।" वह चुनाव संबंधी व्यस्तताओं के कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके थे और उन्होंने सम्मेलन को वीडियो संदेश भेजा था।

वाल्ट्ज, जो एक युद्ध अनुभवी और सांसद हैं, साथ ही भारत कॉकस के सह-अध्यक्ष भी हैं चीन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने के लिए जाने जाते हैं, ने अमेरिका और भारत के बीच एक औपचारिक गठबंधन का प्रस्ताव भी रखा है। नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपनी टीम में फ्लोरिडा के सीनेटर मार्को रुबियो को विदेश मंत्री और साउथ डकोटा की गवर्नर क्रिस्टी नोएम को गृह सुरक्षा मंत्री बनाने का निर्णय लिया है। इससे स्पष्ट है कि ट्रम्प अपनी नीतियों को लागू करने के लिए अपने वफादारों पर भरोसा करेंगे, बजाय तथाकथित "डीप स्टेट" पर जो MAGA (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) समर्थकों के बीच अलोकप्रिय है।हालांकि ट्रम्प ने औपचारिक रूप से कोई घोषणा नहीं की है, उन्होंने यह संकेत दिया है कि एलिस स्टेफानिक को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत के रूप में नामित करेंगे। राष्ट्रपति-चुनाव की टीम से लीक हुई इन खबरों के बाद "MAGA" समर्थकों में इस फैसले को लेकर काफी उत्साह है, क्योंकि इसमें हार्डलाइनर नेताओं को प्राथमिकता दी जा रही है, बजाय उन मुख्यधारा के रिपब्लिकन नेताओं के जिन्होंने वॉशिंगटन डीसी में लंबे समय तक नीति निर्धारण पर दबदबा बनाए रखा था।

कौन हैं  माइक वाल्ट्ज  ?
माइक वाल्ट्ज, 50 वर्ष के, एक पूर्व ग्रीन बेरेट अधिकारी हैं जिन्होंने अफगानिस्तान में कई युद्ध अभियानों में सेवा दी है।
वाल्ट्ज, जो एक युद्ध अनुभवी और सांसद हैं, साथ ही भारत कॉकस के सह-अध्यक्ष भी हैं।
वह चीन और ईरान के खिलाफ कड़े रुख के लिए जाने जाते हैं और आतंकवाद विरोधी नीति पर भी उनकी मजबूत राय है।
उन्होंने पूर्व उपराष्ट्रपति डिक चेनी के लिए आतंकवाद निरोधक विशेषज्ञ के रूप में कार्य किया था।
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी पर ट्रम्प की इच्छा के बावजूद, वाल्ट्ज ने बिना कठोर शर्तों के सैनिकों की वापसी का विरोध किया था, जिसमें एक शर्त यह थी कि राष्ट्रीय खुफिया निदेशक द्वारा यह प्रमाणित किया जाए कि तालिबान अल कायदा के साथ संबंध नहीं रखेगा।
वाल्ट्ज अमेरिकी अंतरिक्ष बल कॉकस के सह-अध्यक्ष भी हैं, और उनके इस नेतृत्व से भारत-अमेरिका के अंतरिक्ष सहयोग में भी नए आयाम देखने को मिल सकते हैं।

भारत के प्रति दृष्टिकोण
भारत के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बात यह है कि वाल्ट्ज अमेरिका-भारत के औपचारिक गठबंधन के प्रबल समर्थक हैं, जबकि भारत इस पर थोड़ी सावधानी बरतता रहा है। उन्होंने 2021 में निक्की हेली के साथ एक लेख में लिखा कि "दुनिया में अमेरिका की स्थिति मजबूत करने के लिए हमें भारत से शुरुआत करनी चाहिए।" वाल्ट्ज और हेली ने इसे एक "समय की जरूरत" बताया। उन्होंने कहा, "भारत एक परमाणु शक्ति है, जिसके पास 10 लाख से अधिक सैनिक, एक मजबूत नौसेना, एक शीर्ष-स्तरीय अंतरिक्ष कार्यक्रम, और अमेरिका के साथ आर्थिक और सैन्य सहयोग का इतिहास है। ऐसे में, भारत एक मजबूत सहयोगी बन सकता है।" जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत-अमेरिका के इस गठबंधन से आतंकवाद के खतरे को रोका जा सकेगा और चीन के खिलाफ मजबूती से खड़ा हुआ जा सकेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button